विधायक भूरिया ने एमपीपीएससी में भील जनजाति पर पूछे गए सवाल का मुद्दा उठाया; मुख्यमंत्री ने कहा- दोषियों पर कार्रवाई होगी


भोपाल. मप्र विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे और आखिरी दिन शुक्रवार को विधायक कांतिलाल भूरिया ने एमपी पीएससी में भील जनजाति पर पूछे गए सवाल का मामला उठाया। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि भील जनजाति को लेकर पूछे गए सवाल के संबंध में जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है।











विधानसभा विशेष सत्र के दूसरे दिन आरक्षण की सुविधा 10 वर्ष और बढ़ाने संबंधी लोकसभा और राज्यसभा में पारित 126वें संविधान संशोधन विधेयक के समर्थन में मध्यप्रदेश विधानसभा में पेश किया गया संकल्प शुक्रवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। विधि और विधायी कार्य मंत्री पीसी शर्मा ने इस संबंध में सदन में संकल्प पेश किया, जिस पर सदन में चर्चा हुई। इसके बाद संकल्प सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसके साथ ही विधानसभा की दो दिवसीय विशेष सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी।


सदन में संकल्प पर हुई चर्चा 
मंत्री शर्मा ने संकल्प पेश करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 334 के सेक्शन (बी) के प्रावधान की अवधि 10 वर्ष और बढ़ाई जाए। इस सेक्शन में विधायी सदनों में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस संकल्प पर सदन में काफी देर तक चर्चा हुई। विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र लोकसभा और राज्यसभा की ओर से पारित संविधान के 126 वें संशोधन विधेयक के समर्थन में बुलाया गया था।



धान उपार्जन की राशि का भुगतान अगले पांच दिनों में करेंगे 
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि धान उपार्जन की राशि का भुगतान किसानों के खाते में अगले पांच दिनों पहुंचा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि से फसलों को जो नुकसान पहुंचा है, उसका भी शीघ्र सर्वे कराएंगे। सर्वे होने के बाद किसान को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाएगा। 


मुख्यमंत्री विधानसभा के विशेष सत्र में यह जानकारी देते हुए विपक्षी समेत सभी विधायकों से आग्रह किया कि अगर किसी किसान को यह राशि प्राप्त न हो तो वे फोन के द्वारा उन्हें सूचना दें। 3 दिन पूर्व भी उपार्जित धान के भुगतान के संबंध में उन्होंने सहकारिता और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि 5 दिनों के अंदर सभी किसानों को राशि का भुगतान कर दिया जाए।


अतिवृष्टि से 8 हजार करोड़ का नुकसान 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले दिनों अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलों के साथ ही अधोसंरचना को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नुकसान का जो आकलन किया वह 8 हजार करोड़ का है। कमलनाथ ने कहा कि केन्द्र सरकार से आपदा राहत कोष से राशि दिए जाने के आग्रह किया गया है। कुछ राशि भी हमें प्राप्त हुई है और शेष राशि शीघ्र मिले इसके लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि 10 दिन पहले ही इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री से चर्चा हुई है।